भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी ने बेगूसराय जिले में सोमवार की रात जमकर उत्पात मचाया। इस क्रम में माओवादियों का साफ्ट टारगेट रेलवे रहा। माओवादियों की भारत बंद के समर्थन में इस क्षेत्र में बड़े खूनी खेल की तैयारी थी। माओवादियों ने बरौनी-कटिहार रेल खंड के तिलरथ स्टेशन के पश्चिमी सिग्नल के पास केन बम विस्फोट कर रेल ट्रैक को क्षतिग्रस्त कर दिया। रेलवे ट्रैक पररात करीब साढ़े बारह बजे हुए जोरदार विस्फोट से कई स्लीपर उड़ गये व पटरी के नीचे तीन फीट गड्ढा हो गया। धमाके की धमक से करीब 100 मीटर दूर स्थित कई मकानों के शीशे टूट गये व पत्थर के टुकड़े उड़ कर एनएच तक आ गये। माओवादियों द्वारा रेलवे ट्रैक को निशाना बनाने की जिले की यह पहली घटना है। रेलवे अधिकारियों की लापरवाही के कारण राजधानी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनें पटरी से गुजर गयी। सुबह स्थानीय लोगों द्वारा जनसेवा एक्सप्रेस को रोकने के बाद हरकत में आये अधिकारियों ने करीब दस बजे पटरी की मरम्मत करा परिचालन आरंभ कराया। इस दौरान कई महत्वपूर्ण ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर रुकी रही। पुलिस ने घटनास्थल के पास से एक केन बम, गंगा-गंडक एरिया कमेटी के दो बैनर व खेत की पगडंडियों से बम से जुड़े तार बरामद किया है। बरामद बैनरों पर आज भारत बंद रहेगा लिखा है। विशेष आर्थिक क्षेत्र के विरोध में माओवादियों द्वारा आहूत भारत बंद के मद्देनजर जिला व रेल प्रशासन की कड़ी व मुस्तैद सुरक्षा व्यवस्था को धत्ता बताते हुए माओवादियो ने पोल संख्या 172 के समीप ट्रैक पर दो केन बम लगा कर करीब 100 गज की दूरी से रिमोट कंट्रोल के सहारे धमाका किया। बम दोनों पटरियों पर लगाये गये थे लेकिन एक बम नहीं फट सका जिसे जब्त कर लिया गया। भारत बंद की सफलता को ले बीते 25 तारीख को भी माओवादियों ने शहर के तीन प्रमुख चौराहों पर उत्तेजक बैनर टांग हड़कंप मचाया था। माओवादी विस्फोट करने के बाद बथौली, बखतपुर के रास्ते अपने सुरक्षित ठिकानों की तरफ भाग निकले। स्थानीय लोगों द्वारा गेट मैन व तिलरथ स्टेशन के अधिकारियों को जानकारी देने के बाद भी उनकी नींद घंटो बाद खुली। एएनई वेस्ट एके सिन्हा दलबल के साथ घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद रेल परिचालन शुरू करवाया। तब तक राजधानी एक्सप्रेस, महानंदा एक्सप्रेस व 320 पैसेंजर क्षतिग्रस्त पटरी के उपर से गुजर चुकी थी। बरौनी जंक्शन व नवादा हाल्ट से बम बरामद बछवाड़ा/बरौनी, ज. टीम : समस्तीपुर-बरौनी रेलखंड के बीच बछवाड़ा स्टेशन के करीब नवादा गांव के समीप 18 नंबर रेलवे गुमटी के पास मंगलवार की रात्रि दो बजे रेल ट्रैक पर माओवादियों ने केन बम लगाने के दौरान गेट मैन की जमकर पिटाई की। इस दौरान करीब छह घंटे तक रेल परिचालन बाधित रहा। गेट मैन की सजगता से बड़ी दुर्घटना टल गई। रेल टै्रक से केन बम के साथ उग्रवादियों के हाथ से लिखा (माओवादी जिंदाबाद, गंगा गंडक कमेटी जिंदाबाद) करीब आधा दर्जन पोस्टर बरामद किया गया है। इस सूचना से खंड पर रात्रि दो बजे से सुबह आठ बजे तक रेल गाड़ियों का परिचालन बंद रहा। वही अति महत्वपूर्ण बरौनी जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या पांच पर एक पेटी में आरपीएफ पोस्ट के बगल में बम पाए जाने से सभी के होश उड़ गए। आरपीएफ के बगल में बम होने की जानकारी के बावजूद उसे बरामद नहीं किया जा सका। जानकारी मिलते ही बम को युवक द्वारा पानी में फेंक दिये जाने के बाद उसे हिरासत में ले लिया गया है। आरपीएफ समेत जीआरपी के अधिकारी पूरे मामले की जांच में जुट गए है। एक साथ तीन-तीन स्टेशनों पर माओवादी कार्रवाई ने आला अधिकारियों के होश फाख्ता कर दिए है। जानकारी के अनुसार नवादा गुमटी के गेटमैन मो. ताहिर ने रात में तीन लोगों रेलवे ट्रैक पर देखा। वे तीनों बम फिट कर चुके थे। जब उसने उन्हे टोका तो उन्होंने उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया और स्टेशन को इसकी सूचना न देने के लिए उसकी पिटाई कर दी। तभी शोरगुल सुनकर आसपास के लोग जुटने लगे। जिसे देख दो उग्रवादी गोली चलाते पूर्व दिशा की ओर भाग गये वहीं एक नजदीकी झाड़ी में छुप गया। घटना की सूचना पाते ही तेयाय ओपी प्रभारी दलबल के साथ मौके पर पहुंचकर उग्रवादियों का कुछ दूर तक पीछा किये। आरपीएफ ने रेल टै्रक से बम निकालकर जांच हेतु अपने कब्जे में ले लिया। (साभार:-दैनिक जागरण )
Wednesday, October 31, 2007
Tuesday, October 30, 2007
सड़क दुर्घटना में ग्यारह लोगों की मौत :बेगुसराय की सड़कें पर हो रहे लगातार मौत का कारन नि:संदेह जिला प्रशासन
प्रस्तुतकर्ता Anonymous पर 11:49 AM
सम्मानित किये गए नगर थाना प्रभारी
बेगुसराय के आरक्षी अधीक्षक अमित लोधा ने नगर थाना प्रभारी श्री आर.के झा को दुर्गा पूजा में शहर में शांति व्यवस्था कायम रखने में सफलता हासिल करने एवं सांप्रदायिक सद्भाव बरकरार रखने के उपरांत प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। अपने कुशल प्रशासनिक नेतृत्व की क्षमता के बल पल पर सम्मान से नवाजे गए थाना प्रभारी ने पत्रकारों को बताया कि यह सम्मान नगरवासियों के सहयोग का परिणाम है। ईद एवं दशहरा जैसे महत्वपूर्ण पर्व के एक साथ सम्पन्न होने के वावजूद भी सद्भावना एवं शांती का श्रेय नगर्वसिओं को देते हुए श्री झा ने अपने अधीनस्थों को साधुबाद दिया दिया जिनके अथक परिश्रम के कारन ही नगर का सांप्रदायिक सद्भाव बना रहा।
प्रस्तुतकर्ता Anonymous पर 11:01 AM
Tuesday, October 23, 2007
शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ दुर्गा पूजन समारोह
आस्थाओं और परम्पराओं का लोकप्रिय पर्व दुर्गा पूजा जिले में कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़ शांतिपूर्वक सम्पन्न हो गया। जिले के निवासिओं ने सौहार्द एवं शांति बरक़रार रखते हुए शक्ति की देवी की आराधना कर भाई चारे का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। दुर्गा पूजा नगर महासमिती के सचिव सह लोहियानगर के वार्ड आयुक्त ब्रजेश कुमार प्रिन्स ने अक्षर्जिवी टीम को बतलाया की इस बार के आयोजन में जिला प्रशाशन की भूमिका काफी काबिलेतारीफ रही,उन्होने बेगुसराय के आरक्षी अधीक्षक अमित लोधा के प्रयासों की सराहना करते हुए आम अवाम की भूमिका की प्रशंशा करते हुए कहा की दौना में साम्प्रदायीक सद्भावना बिगरने वाला था, लेकिन आम लोगों के पहल एवं प्रशाशन की पहल ने अनहोनी होने से रोक दिया। नगर दुर्गा पूजा महासमिति के कोषाध्यक्ष विष्णुदेव झा ने भी प्रशासनिक सहयोग की सराहना करते हुए आम जनता को बधाई दीया। इस प्रकार नौ दिनों का अध्यात्मिक माहौल मा भगवती के विसर्जन के साथ सूना पर गया।आम लोगों को बाढ़ की विभीषिका ने तबाह कर के रख दीया था लेकिन बेगुसराय की ओजपूर्ण धरती की पौरूश्ता ने भगवती की पूर्ववत अराधना कर यह साबित कर दिया की दिनकर की धरती सचमुच आराधाकों की धरती है।
प्रस्तुतकर्ता Anonymous पर 5:51 AM
Sunday, October 14, 2007
राम सेतु विवाद ::व्यंग्य
Ram Hanuman Dialogue on Ramsetu भगवान महाप्रभु ने “राम-सेतु” का अवलोकन किया और भक्त हनुमान से कहा – हे पवनपुत्र, तुमने और तुम्हारी वानर सेना ने किस खूबसूरती और मजबूती से हजारों वर्ष पूर्व इस सेतु का निर्माण किया है, यह देखकर मैं बहुत खुश हूँ। मुझे तुम्हें शाबाशी देना चाहिये कि तमाम पर्यावरणीय और पारिस्थितिकीय दबावों के बावजूद यह पुल सुरक्षित रहा और इसने सुनामी को भी रोके रखा। हनुमान, वाकई यह तुम्हारा एक स्तुत्य कार्य है, खासकर तब जबकि हैदराबाद में “गैमन” जैसी विशालकाय कम्पनी का बनाया हुआ पुल उद्घाटन से पहले ही गिर गया है।हनुमान ने कहा – प्रभु यह सब आपकी कृपा के कारण सम्भव हुआ था, हम तुच्छ वानर तो सिर्फ़ आपका नाम लिखे हुए पत्थर समुद्र में डालते गये, ना ही हमने टाटा का स्टील लिया था और न ही अम्बुजा और एसीसी का सीमेंट वापरा था, लेकिन प्रभु वह तो बहुत पुरानी बात है, इस वक्त यह मुद्दा क्यों?बात ही कुछ ऐसी है भक्त, वहाँ नीचे पृथ्वी पर कुछ लोग तुम्हारा बनाया हुआ वह पुल तोड़ना चाहते हैं, ताकि उसके बीच में से एक नहर निकाली जा सके। उस ठेके में अरबों रुपये का धन लगा है, करोड़ों का फ़ायदा होने वाला है, यहाँ तक कि उस पुल को तोड़ने में ही “कुछ लोग” करोड़ों कमा जायेंगे, नहर तो बाद में बनेगी....हनुमान ने भक्ति से सिर नवाकर पूछा – तो प्रभु क्यों ना हम पुनः धरा पर जायें और उन्हें समझाइश देने की कोशिश करें...राम बोले – नहीं वत्स, अब समय बहुत बदल चुका है। यदि हम धरती पर चले भी गये तो सबसे पहले वे लोग तुमसे तुम्हारा आयु का प्रमाण माँगेंगे, या फ़िर स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र, जबकि हमारे पास तो जन्म प्रमाणपत्र भी नहीं है। हे अंजनीपुत्र, हम तो सदियों से पैदल ही चलते रहे हैं, कभी-कभार बैलगाड़ी में भी सफ़र किया है, सो हमारे पास ड्रायविंग लायसेंस भी नहीं है। जहाँ तक निवास का प्रमाणपत्र देने की बात है तो पहले हमने सोचा था कि “अयोध्या” का निवास प्रमाणपत्र दे देंगे, लेकिन वह पवित्र भूमि तो पिछले पचास साल से न्यायालय में अटकी पड़ी है। यदि मैं “अरुण गोविल” की तरह पारम्परिक धनुष-बाण लिये राम बन कर जाऊँ तो वे मुझे पहचानना तो दूर, कहीं मुझे किसी आदिवासी इलाके का समझकर नृत्य ना करवाने लगें या “भारत-भवन” भेज दें। ये भी हो सकता है कि अर्जुन सिंह मुझे आईआईटी में एक सीट दे दें। भगवान स्वयं थ्री-पीस सूट में जनता के पास जायें तो जनता में भारी भ्रम पैदा हो जायेगा....हनुमान ने कहा- प्रभुवर मैं आपकी तरफ़ से जाता हूँ और लोगों को बताता हूँ कि यह पुल मैंने बनाया था।ओह मेरे प्रिय हनुमान, राम बोले- इसका कोई फ़ायदा नहीं है, वे लोग तुमसे इस “प्रोजेक्ट” का “ले-आऊट प्लान”, प्रोजेक्ट रिपोर्ट, फ़ायनेन्शियल रिपोर्ट माँगेंगे। वे तुमसे यह भी पूछेंगे कि इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिये पैसा कहाँ से आया था और समूचा रामसेतु कुल कितने लाख डॉलर में बना था, और यदि तुमने यह सब बता भी दिया तो वे इसका पूर्णता प्रमाणपत्र (Completion Certificate) माँग लेंगे, तब तुम क्या करोगे पवनपुत्र। फ़िलहाल तो धरती पर जब तक डॉक्टर लिखकर ना दे दे व्यक्ति बीमार नहीं माना जाता, यहाँ तक कि पेंशनर को प्रत्येक महीने बैंक के अफ़सर के सामने गिड़गिड़ाते हुये अपने जीवित होने का प्रमाण देना पड़ता है। तुम्हारी राह आसान नहीं है, हनुमान!हनुमान बोले- हे राम, मैं इन इतिहासकारों को समझ नहीं पाता। सदियों-वर्षों तक आपने कई महान भक्तों जैसे सूरदास, तुलसीदास, सन्त त्यागराज, जयदेव, भद्राचला रामदास और तुकाराम को दर्शन दिये हैं, लेकिन फ़िर भी वे आप पर अविश्वास दर्शा रहे हैं? आपके होने ना होने पर सवाल उठा रहे हैं? अब तो एक ही उपाय है प्रभु... कि धरती पर पुनः एक रामायण घटित की जाये और उसका एक पूरा “डॉक्यूमेंटेशन” तैयार किया जाये।प्रभु मुस्कराये (ठीक वैसे ही जैसे रामानन्द सागर के रामायण में करते थे), बोले- हे पवनपुत्र, अब यह इतना आसान नहीं रहा, अब तो रावण भी करुणानिधि के सामने आने में शर्मा जायेगा। मैंने उसके मामा यानी “मारीच” से भी बात की थी लेकिन अब वह भी “सुनहरी मृग” बनने की “रिस्क” लेने को तैयार नहीं है, जब तक कि सलमान जमानत पर बाहर छुट्टा घूम रहा हो। यहाँ तक कि शूर्पणखा भी इतनी “ब्यूटी कांशस” हो गई है कि वह नाक कटवाने को राजी नहीं है, बालि और सुग्रीव भी एक बड़ी कम्पनी में पार्टनर हो गये हैं सो कम ही झगड़ते हैं, फ़िर कहीं मैंने शबरी से बेर खा लिये तो हो सकता है मायावती वोट बैंक खिसकता देखकर नाराज हो जायें... तात्पर्य यह कि, हे गदाधारी, वहाँ समस्याएं ही समस्याएं हैं... बेहतर है कि अगले “युग” का इन्तजार किया जाये...(एक ई-मेल पर आधारित) साभार: सुरेश जीं चिठाजगत से
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Tuesday, October 9, 2007
नगर दुर्गा पूजा महासमिति बेगुसराय की बैठक सम्पन्न
दिनांक ०७.१०.२००७ दिन रविवार को संध्या सात बजे बेगुसराय नगर दुर्गा पूजा महासमिति के द्विवार्षिक चुनाव हेतु आयोजित बैठक में शहर के करीब पचीस दुर्गा पूजा समिति के पदाधिकारी श्री जयंती दुर्गा स्थान ,बड़ी पोखर के अम्बेडकर भवन में उपस्थित हुए। श्री रामप्रताप चौधरी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुए इस बैठक में सर्व्सम्मती से महासमिति का गठन किया गया। मुख्य संरक्षक:-श्री बिपिन पासवान (नगर पार्षद) अध्यक्ष:-श्री रामप्रताप चौधरी महासचिव :-श्री ब्रजेश कुमार प्रिन्स (नगर पार्षद) कोषाध्यक्ष :-श्री विश्नुदेव झा(शिक्षक) उपाध्यक्ष:-श्री रूपेश कुमार श्री महेन्द्र झा उपसचिव:-श्री रामरतन कुमार संरक्षक मंडल:- श्री दिलीप कुमार सिन्हा श्री जयप्रकाश सिंह (नगर पार्षद) श्री देवानंद पासवान कार्यालय सचिव :-श्री आलोक मुन्ना इस प्रकार दुर्गा पूजा को मनाने हेतु किये गए इस बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला किया गया कि माँ दुर्गा की आराधना शांतिपूर्वक हो और प्रशासन से भी मदद की अपेक्षा की गयी।
प्रस्तुतकर्ता Anonymous पर 8:16 AM
Wednesday, October 3, 2007
कभी जल संकट तो कभी जल प्रलय ::प्रकृति के मिजाज़ को आख़िर हो क्या गया है?
मई २००७ को चेरिया बरियारपुर (बेगुसराय) के विभिन्न गाँव के लोग इसलिय परेशान थे क्योंकि जल स्तर इतना घट गया था कि पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ था। सिर्फ यह प्रखंड ही क्यों गंगा नदी के तटवर्ती जिला के रुप में विख्यात बेगुसराय जिला के अधिकांश गाँव को भीषण जल संकट का सामना करना परा था। पानी के किल्लत ने लोगों को सड़क पर उतरने को बाध्य कर दिया था। लोग प्रशासन से पानी मांग रहे थे ,अब प्रशासन पानी कहाँ से ला कर दे? अब दूसरा दृश्य देखिए,जुलाई २००७ को उसी चेरिया बरियारपुर के बसही नामक बस्ती में जल प्रलय ने ऐसा तांडव मचाया कि मानव को प्रकृति के उद्दंड रुप के सामने नतमस्तक होना परा। उन्न्मत्त ,मन्मतंग जल धारा के क्रूर रुप ने लाखों ज़िन्दगी को ग्रास कर मानव निर्मित बसही समाज के अस्तित्त्व को लीलकर उसे इतिहास के पन्नों में समेट दिया। बसही की इस प्राकृतिक दुर्घटना ने प्रत्यक्षदर्शियों को चेत्नाशुन्य कर के रख दिया,सचमुच हिलाकर रख दिया था प्रकृती के इस कलयुगी रुप परिवर्तन की भुमिका ने.... अब शायद विमर्श से कोइ फायदा तो नही दिखता है ,निश्चित ही बहूत देर हो चुकी है मानव को उसके आत्मघाती कदम उठाने की सज़ा तो अवश्य भूगातनी परेगी। प्रकृति को बौना साबित करने पर तुला मानव नाम का यह जीव इस बर्बादी के लिए खुद ज़िम्मेबार है,जिसने सुन्दर,संतुलित और जीवनदायिनी प्रकृति को बुरी तरह कुचला है। उसे पक्षियों के कलरव अच्छे नही लगे तो उसने कई प्राजातियों को ही लील गया, उसे नदियों की कलकल ध्वनी अच्छी नही लगी तो उसने उसे निर्जल कर दिया,उसे निर्मल शीतल वायू बूरी लगी तो उसने उसे इतना ज़हरीला बना दिया कि वायुमंडल ज़हर उगल रहा है। वह जीव प्रकृति के साथ सामंज़ास्य बिठा पाने में नाकाम रहा तो उसने प्रकृति को विध्वंश करने की ठान ली परिणामस्वरुप प्रकृति के बदले मिजाज़ से हैरत की कोइ बात नही है। हां ...डरने की बात तो ज़रूर है क्यों कि वैज्ञानिक खोज और परिणाम इतने भयावह हैं कि गहराई से सोचने के बाद मानव प्रजाति के अस्तित्त्व मिट जाने के तर्क में दम दिखता है। बेगुसराय मे अप्रत्याशित रुप से घटी विध्वंश ने सचमुच सोचने को बाध्य कर दिया है। आप क्या सोच रहे हैं?हमे ज़रूर लिखें . विमर्श के इस मंच पर आपका स्वागत है। '' अक्षर्ज़ीवी '' खुला मंच है, अपनी भडास यहां उतारिय .........../
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Tuesday, October 2, 2007
महात्मा गांधी के जन्म-दिवस पर अक्षरजीवी ब्लोग रायटर असोसिएसन की तरफ से पाठक वर्ग के साथ तमाम शुभचिंतकों को हार्दिक शुभकामनायें
महात्मा गांधी के आर्यावर्त अवतरण के वार्षिक समारोह के अवसर पर बेगुसराए के तमाम वर्गों को युवा लेखकों की ओर से हार्दिक अभिनन्दन / '
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