Friday, November 2, 2007

पत्रकार की पिटाई के विरोध में बिहार बंद रहा सफल:बेगुसराय के पत्रकारों ने भी समर्थन में पुतले जलाए

बिहार की राजधानी पटना में बृहस्पतिवार को पत्रकारों के एक समूह पर सत्तारूढ़ जनता दल यू के विधायक अनंत सिंह और उनके समर्थकों द्वारा किए हमले के विरोध में विपक्षी दलों द्वारा शुक्रवार को बंद के दौरान कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है, जबकि बंद को प्रभावी बनाने के लिए धरना प्रदर्शन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी सहित 1584 व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया। बंद का मिलाजुला असर रहा। राज्य में कांग्रेस लोक जनशक्ति पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मा‌र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समता पार्टी और भाकपा माले ने राजद के बंद आह्वान का समर्थन किया था। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ए के सिन्हा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए दावा किया कि बंद का कोई भी असर नहीं रहा। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, लोजपा सांसद सूरजभान सिंह, राजद के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुलबारी सिद्दीकी, लोजपा के विधान पार्षद संजय सिंह सहित अन्य लोगों को इसलिए हिरासत में लिया गया ताकि बंद समर्थक शांति भंग न कर सकें। दूसरी ओर, राबड़ी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस्तीफा दे देना चाहिए और अनंत सिंह को फांसी की सजा देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बंद पूरी तरह से सफल था और लोगों ने अपने आप इसमें हिस्सा लिया। राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति में तेजी से गिरावट के चलते नीतीश को इस्तीफा दे देना चाहिए। अनंत सिंह के आपराधिक पृष्ठभूमि को सभी लोग जानते हैं, इसलिये उन्हें फांसी की सजा दी जानी चाहिए। बेगुसराए में भी बंद का व्यापक प्रभाव दिखा सुबह से तीन बजे शाम तक परिचालन बिल्कुल ठाप रहा। इस घटना के विरोध में जिला पत्रकार संघ के पत्रकारों ने भी विरोध में जुलूस निकाला और कैंटीन चौक पर अनंत सिंह का पुतला फूंका। बंद से संबंधित तस्वीर इस ब्लोग पर उपलब्ध है।