Wednesday, July 16, 2008

बेगुसराय के सिविल सर्जन बंधक बनाय गए:सुशासन में देखिये यह तमाशा

मोटी रकम लेकर किये गए स्थानांतरण पदस्थापन को रद करें नहीं तो सीएस साहब आपको यहां के कर्मचारी जेल भेज देंगे। आपके कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच चुका है। किसी भी मेडिकल सर्टीफिकेट बनाने में दो हजार से पांच हजार रूपए तक लिए जा रहे हैं। यहां तक कि कर्मचारियों के वेतन भुगतान में भी सिविल सर्जन द्वारा राशि मांगे जाने का आरोप बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के शिष्टमंडल ने सिविल सर्जन डा। मदन लाल अग्रवाल से वार्ता के दौरान प्रकोष्ठ में कही। शिष्टमंडल में कर्मचारी महासंघ के जिला मंत्री शशिकांत राय, स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला मंत्री अरुण कुमार सिंह, अध्यक्ष श्रीमती कृष्णा कुमारी, योगेन्द्र झा, कालीकांत साह सहित अन्य कर्मचारी नेताओं ने अपनी मांगों को ले घंटों सीएस को कार्यालय में बंधक बनाए रखा। इस क्रम में पद धारक कर्मचारियों के स्थानांतरण को रद करते हुए 17 जुलाई तक पत्र निर्गत करने की मांग की। कर्मचारी नेताओं ने सीएस को घेर कर घंटो जलील किया। सीएस और शिष्टमंडल के बीच कई बार हाथापायी की स्थिति बनती रही। शिष्टमंडल के नेता शशिकांत राय ने कहा कि डा. मदन लाल अग्रवाल अब तक सीएस में सर्वाधिक भ्रष्ट हैं। वहां उपस्थित स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मियों ने सीएस द्वारा रात के दस बजे तक कार्यालय चलाने का कड़ा विरोध किया। सीएस अवैध वसूली के लिए देर रात तक कार्यालय में डटे रहते हैं तथा कर्मियों को परेशान करते हैं। जिसका सभी कर्मचारियों ने जमकर विरोध किया। इस मुद्दे पर सिविल सर्जन डा. अग्रवाल ने कर्मचारियों के हो-हंगामा की पुष्टि करते हुए कहा कि नेतागण अनावश्यक रूप से दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। नेतागिरी के नाम पर कई कर्मचारी अपने पद पर वर्षो से डटे हैं उन्हें ही हटाया गया है। साभार:दैनिक जागरण

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