Sunday, July 13, 2008

बेगुसराय पुलिस का घृणित कारनामा :लोगों का विशवास हो रहा है खंडित

बेगूसराय । वर्दी पहनने के साथ राष्ट्र की इमानदारी से सेवा का संकल्प लेने वाली पुलिस जब जाली नोट का कारोबार करने वाले राष्ट्रद्रोही को बाइज्जत बरी कर दे तो इसे आप अंधेर नगरी, चौपट राजा वाली स्थिति ही कहेंगे। ऐसा ही किया गया है बेगूसराय की नगर पुलिस द्वारा। शहर के अम्बेदकर चौक के दुकानदारों द्वारा पांच सौ के पांच जाली नोटों को खपाने के चक्कर में रंगेहाथ धरे गए हरदिया निवासी सूत्रधार मो। बारिक शाह को नगर पुलिस ने लेनदेन कर छोड़ दिया। बारिक को टाइगर मोबाइल के जवान संतोष कुमार जायसवाल ने 27 मई को सुबह नौ बजे दुकानदारों से हिरासत में लेकर नगर थानेदार संजीव कुमार के हवाले किया था। इसके बाद शुरू हुआ वर्दी की आड़ में रुपये कमाने का खेल। अब पुलिस की एक टीम बारिक को ले हाई लेबल गेम में जुट गयी और सीधे उसके गांव हरदिया पहुंची। बारिक ने पूछताछ के क्रम में जाली नोट की सप्लाई गांव के डीलर अब्बू जफर के बेटे मुश्ताक द्वारा करने की बात पुलिस को बतायी। इसके बाद पुलिस दल-बल के साथ हरदिया पहुंची और डीलर अब्बू जफर के घर की दो घंटे तक तलाशी ली। इस दौरान मो. मुश्ताक तो फरार हो गया लेकिन घर के एक कमरे से तीन देशी पिस्तौल व एक पांच चक्रीय देशी रिवाल्वर समेत तीन जीवित कारतूसों की बरामदगी हुई। इस दौरान अब्बू जफर, मो. अशफाक, मो. मोख्तार, मो. इस्तेहाक व दामाद मो. कामिल हसन को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद जाली नोटों के साथ पकड़े गए बारिक को पुलिस छोड़ दी। अब जाकर यह राज खुला है सदर डीएसपी पंकज कुमार के सुपरविजन रिपोर्ट से। उनकी रिपोर्ट में नगर थानेदार संजीव को बारिक पर एक अलग प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान करने का निर्देश दिया गया है। डीएसपी की रिपोर्ट में इस गैर जिम्मेदाराना कार्य के लिए कई अन्य पुलिस अधिकारियों पर भी अनियमितता का आरोप लगाया गया है। साभार:(जागरण.कॉम)