Thursday, March 13, 2008

''भडास'' के मोडेरेटर यशवंत सिंह पर हुआ कातिलाना हमला

साभार:-अरविंद मिश्रा (नया बरिस्ता) कुछ लोगों ने मशहूर पत्रकार एंव भड़ास के संपादक यशवंत सिंह पर कायरता पूर्ण तरीके से हमला किया है। एक गाड़ी में भर कर आये आधा दर्जन से ज्यादा लोगों ने अकेले यशवंत भाई साहब को लहूलुहान कर दिया। हमला उस समय किया गया जब वह नोएडा के सेक्टर-१८ स्थित एक रेस्टोरेंट से खाना खाकर बाहर निकल रहे थे। हमेशा दूसरे के चेहरे पर हंसी बिखेरने वाले भाई साहब पर हमला करके उन लोगों ने हिजड़ई पूर्ण काम किया है, लेकिन वो ये जान लें कि हम भड़ासी डर कर दुबकने वालों में से नहीं है। भाई साहब हम सब आपके साथ हैं ।।। प्रस्तुतकर्ता Arvind Mishra पर 9:34 PM 13 टिप्पणियाँ: visfot ने कहा… दुखद है. लेकिन लहुलुहान वाली स्थिति नहीं है. March 12, 2008 10:09 PM बेनामी ने कहा… मनीषा ने तो हमला नहीं करवा दिया March 12, 2008 10:26 PM manisha ने कहा… अविनाश भी हो सकता है March 12, 2008 10:27 PM अफ़लातून ने कहा… इस कायरतापूर्ण कार्रवाई के पीछे जो लोग हैं , उन्हें बेनकाब किया जाना चाहिए। इस कृत्य की निन्दा करता हूँ । March 12, 2008 10:29 PM अनिल रघुराज ने कहा… ये हमला निंदनीय है। हमला करनेवालों को बेनकाब करके सबक सिखाया जाना चाहिए। March 12, 2008 10:50 PM अविनाश ने कहा… यशवंत एक बहादुर इंसान हैं। उन पर हमला करने वालों ने अपनी कायरता ही प्रदर्शित की है। हम सब इस हमले की घोर भर्त्‍सना करते हैं। March 12, 2008 10:53 PM अविनाश ने कहा… संजय तिवारी जी ने लिखा है कि दुखद है, लेकिन लहूलुहान वाली स्थिति नहीं है। तो सबसे यशवंत जी कार का नंबर लेकर अनाम हमलावरों के खिलाफ एफआईआर करानी चाहिए। या नहीं तो ब्‍लॉग के जो उनके साथी हैं, उन्‍हें आगे बढ़ कर ये काम कराना चाहिए। March 12, 2008 11:04 PM हरे प्रकाश उपाध्याय ने कहा… avinash g, blog ke unke sathi hi kyon, kya aap dushman hai...mtbhed alg bat hai....aur aise mauke alg bat...yshvant bhaee bahadyr hain....hm jroor kuchh krenge...pahle pta to chle ye hmlavr kaun the...chahte kya hain? March 12, 2008 11:23 PM avinash ने कहा… हरे प्रकाश जी, ये आप पता नहीं करेंगे। ये पुलिस ही करेगी। आपलोगों को जाकर एफआईआर जरूर कराना चाहिए। और हां, बात बहुत गंभीर नहीं है - इसलिए मुझे घोषित तौर पर दुश्‍मन ही रहना चाहिए। आप लोग आगे बढें। March 12, 2008 11:31 PM डा०रूपेश श्रीवास्तव ने कहा… लहुलुहान का क्या अर्थ होता है? क्या कोई दिल्ली वाला भाई या बहन उन्हें देखने गया है । विस्फ़ोट करने वाले भाई को बराबर खबर है कि लहुलुहान नहीं हैं यानि कि रात में बारह बजे यशवंत दादा की पत्नी का दिमाग चल गया था जो मुझे फोन करा कि किसी ने इन्हें प्यार कर लिया है और इस लिये नाक-मुंह से खून आ रहा है नाक से काफ़ी देर तक खून बंद नहीं हो रहा था तब मैंने चंदू भाई को फोन किया । ये सिर्फ़ डर गये लोगों की हरकत है और इससे ज्यादा वे कर भी क्या सकते हैं कि कई लोग एक अकेले को मार लें....रही बात अविनाश की तो वो मेरे लिये बस एक अलग विचारधारा के मानने वाले है लेकिन वो खुद को दुश्मन मनवाने पर तुले हैं और अगर खुद को दुश्मन ही कह रहे हैं तो संदेह तो इन जनाब पर भी है क्यों न रिपोर्ट में जिन लोगों पर संदेह है उनमें इनका भी नाम शामिल किया जाए ,इन्हें तो नाम से मतलब कहीं भी हो.... March 12, 2008 11:40 PM vijayshankar ने कहा… कायरतापूर्ण कार्रवाई का जवाब पुलिसिया कार्रवाई ही हो सकती है. वैसे यशवंत जी अब और पुख्ता ब्लोगर हो गए. 'लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स' वाले कई सबसे पहले घटित चीजों का रिकॉर्ड रखते हैं. पता नहीं उनका ध्यान इस ठोक-पीट की तरफ गया है या नहीं. मुझे यशवंत जी से ईर्ष्या हो रही है कि हिन्दी ब्लॉग की दुनिया में सर्वप्रथम पिटने का श्रेय यशवंत जी ले उड़े. फिर भी अनेकानेक बधाइयां! यहाँ अपन अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे हैं. यशवंत जी की पिटाई करने वालों से मेरी अपील है कि वे मुझे भी पीट कर धन्य करें. दिलचस्पी हो तो पता-ठिकाना भिजवाता हूँ. बताएं, कहाँ भिजवाना है? March 12, 2008 11:42 PM मोहम्मद उमर रफ़ाई ने कहा… बच्चे लोग गंभीरता से शायद इनका मतलब मरणासन्न होने या मर जाने से होगा ,अल्लाह्तआला से एक इल्तजा है कि ऐसे छोटे और हल्के फुल्के हादसे अविनाश और संजय के साथ रोज करा दिया करे तब समझ में आएगा कि क्या गम्भीर और क्या नहीं । यशवंत का यश और बढ़ेगा । बाकी लोग भी इस बच्चे जैसा जिगर रखें तो देखो क्या क्या होता है । March 12, 2008 11:49 PM चंद्रभूषण ने कहा… कूल डाउन प्लीज। यशवंत ठीक हैं और थोड़ी देर में अपनी खैर-खबर भड़ास पर खुद ही देंगे। March 13, 2008 1:16 AM