Sunday, February 3, 2008

बेगुसराय की मिट्टी के लाल ने अपने गणितीय सिद्धांत से दी विश्व के गणितज्ञों को चुनौती

अजीब संयोग है, कुछ दिन पूर्व विश्व विख्यात गणित के शिखर पुरुष वशिष्ठ नारायण सिंह की मानसिक संतुलन जब बिगड़ गयी थी तो समूचा चिकित्सा जगत उनकी मानसिक दशा को सही नही कर पाया लेकिन अंत में बेगुसराय की मिट्टी ने ही उनकी मानसिक स्थिति को वापस लाने जैसे चमत्कार से सबों को आकर्षित किया था। बरौनी के एक युवा चिकित्सक रविशंकर को इस उपलब्धी का श्रेय जाता है। अभी इसकी चर्चा थमी ही नही थी कि इसी जिले के एक युवा ने अपने गणितीय सिद्धांत को सामने लाते हुए आई आई टी के दो प्रश्नों को ही गलत करार देकर चुनौती दी है कि इस प्रश्न को विभिन्न लेखक सही समझ कर उत्तर दिए जा रहे हैं जबकि प्रश्न ही गलत है। भारत की उत्क्रीष्ट तकनीकी संस्थान के द्वारा दिए गए प्रश्न को गलत साबित कर यह युवा चर्चा के केन्द्र में है। पिछले दिनों पटना के कालिदास रंगालय में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र,वर्त्तमान मंत्री नन्द किशोर यादव, अनिल कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्तिओं की उपस्थिति में युवा पंकज को गणित के क्षेत्र में नए सिद्धांत बनाने के लिए ''बिहार गौरव'' और ''बिहार रत्न'' से सम्मानित किया गया। बेगुसराय जिला के बलिया अनुमंडल अंतर्गत बांक निवासी पंकज की प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा साधारण परिवेश में ही हुई लेकिन अपने मेहनत और नित नवीन करने की चाहत ने पंकज को सम्मान के लायक बना दिया। वर्त्तमान में पंकज कंकडबाग में सक्सेस फेरस नाम से कोचिंग चला रहे हैं और इनके पढाये छात्र अभियांत्रिकी में सफलता के परचम लहरा रहे हैं। बेगुसराय आगमन पर पंकज ने एक प्रेस कोंफेरेंस आयोजित कर पत्रकारों को बताया कि उनके मेथड से पांच पन्नों में बनने वाला प्रश्न पांच लाइन में बन सकती है और मैंने जिस प्रश्न को गलत साबित किया है उसकी सत्यता की पुष्टी के लिए किसी भी विशेषज्ञ का सामना करने को तैयार हैं। अब पंकज के दावों को तो कोइ गणित का जानकार ही पुष्ट कर सकता है लेकिन उसने जिस तरीके से पूरे विश्व को चुनौती दी है उसमें यह किस हद तक सफल हो सकता है इसका इंतजार हम सबों को करना होगा। बहरहाल उन प्रश्नों को नीचे दिया जा रहा है जिसे पंकज ने गलत साबित किया है अगर आप कोइ टिप्पणी देना चाहते हैं तो लिंक पर जाएँ।
  • if one root of the quqdrqtic equation ax2+bx+c=0 is equal to the nth power of other then show that (acn)1/n+1+(anc)1/n+1+b=0 (I.IT-1983)

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