Friday, February 8, 2008

ये कौन सी पत्रकारिता है भाई ज़रा हमे भी बताओ

पागलपन की भी एक हद होती है,लेकिन जब से ये टीवी चैनल वाले आये हैं सारा जायेका ही खराब कर के रख दिया है। अब जैसे इन्हें मसाला मिलता ही नही है कि दौड़ पड़े ये दिखाने कि कौन हग रहा है कौन मूत रहा है। अब आप ही बताइए अमिताभ को ठंढ लग गयी तो कौन महा प्रलय आ गया जो ब्रेकिंग न्यूज़ बना कर परोस रहे हैं। इधर अपने गाँव में बुधिया कम्बल के बिना मर गयी, पुरा मजदूर टोला खुले आसमान में पूस की रात बीताता है,हनुमान मंदिर के सामने अभी भी अनाथ बच्चे मिट्टी फांकने को मजबूर हैं लेकिन उन कथित पत्रकारों को ये नही दीखता है। उन्हें टी आर पी से मतलब है वे इसे ही अपना पत्रकारिता मिसन समझते हैं।
अब आप इन्हें क्या समझ रहे हैं वह मैं भी समझ रहा हुं तो फिर अपनी टिप्पणी दे ही दें।

1 comment:

Anonymous said...

tv channel vale bakbas ke siva aur kuchh nahi hain.badaron ki tarah uchhal kud karti unki mansikta ka achha namuna prastut kiya hai apne.