Thursday, January 10, 2008

टाटा ने सूरत बदल कर रख दी ज़मीनी सोच की

''यही है एक लाख की कार''

कुछ कर गुजरने की चाहत और उद्देश्यपूर्ण प्रयास असंभव को भी संभव बना देती है। कुछ ऐसा ही प्रयास का नायाब नमूना प्रस्तुत किया है रतन टाटा ने।